Aug 27, 2007

ऐसी दुआ करो

१०.१०.१९९१
9.00 pm

रूठ कर मुझे न सताओ, हंसा करो,
कुछ मैं झुकता हूँ, कुछ तुम झुका करो

मैं उन दिनों को याद कर तड़प रहा हूँ
गुस्सा छोड़, अब तो प्यार से मिला करो

मुस्कुरा कर दिल का चमन महका दो
सुंदर सा खिल कर गुलाब छुआ करो

उदास हो कर क्यों मुझको रुलाते हो
दिल की बात हमसे दिलसे किया करो

यह दर्द ना सह पाऊँगा, मर जाऊंगा
हमे थम लो, कुछ दवा करो

यह बहस ख़त्म करो तुम पंकज और
वोह मान जाए जोई ऐसी दुआ करो

Aug 26, 2007

तुम मुझको सबसे प्यारी हो

१४.९.१९९१

तुम मुझको सबसे प्यारी हो

क्या रिश्ता मेरा तुम्हारा?
तुम मेरे दिल का सहारा
मैं तो एक अमानुष था
तुमने यह जीवन संवारा
रिश्ता है यह जन्मों का
तभी तुम जान हमारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो

प्यार हमसे तुमको कितना?
नीर सागर में है जितना
हर पल है एहसास तुम्हारा
जीवन तुम्हे समर्पित इतना
साथ कभी ना चोडूंगा मैं
दुश्मन चाहे दुनिया सारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो

साथ दोगे तुम कहाँ तक?
इस ज़मीन से आस्मान तक
फिर भी चैन नही पाया तो
अओंगा मैं उस जहाँ तक
अब शिक़ायत क्या हमको जब
प्यार की बाजी मारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो

तुम कहती हो पछ्ताऊँगा
फिर भी बाज़ नही आऊंगा
तेरा साथ अगर छोड़ा तो
फिर कहाँ पर मैं जाऊंगा
जीवन तुम हो मृत्यु तुम
तुम सब खुशियों पर भारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो.

तुम ही मेरा परिचय

कौन हो तुम?... नही संशय
तुम ही मेरा परिचय

तुम मंज़िल हो मेरे मन चंचल की
भूत, भविष्य और आज
तुम ही दिल की आवाज़
जीवन मुल्य जो न क्रय
तुम ही मेरा परिचय

सूखे वयक्तित्वा पर जो बरसी बादल सी
तुम ही मेरा आचरण
तुम हे मेरा अलंकरण
तुम जय, तुम ही पराजय
तुम ही मेरा परिचय

तुम आकाश और मेरा धरातल भी
तुम अंदाज़ जीवन का
तुम तुलसी आँगन का
तुम मेरा भाग्योदय
तुम ही मेरा परिचय

मुझ मुसाफिर को तलाश तेरी आँचल थी
तुम वीराना, तुम ही घर
तुम नज़ारा, तुम नज़र
सैशव, युवा या फिर वय
तुम ही मेरा परिचय

मेरा इमान और आंखों का जल भी
तुम बुद्धि, तुम ही शक्ति
मेरी सर्वश्रेष्ट संपत्ति
जीवन भर का संचय
तुम ही मेरा परिचय

तुम बिन जीवन नैया थी पागल सी
तुम हो सपन सलोना
तुम हँसी, तुन्हीं रोना
सिवा तुम्हारे, किस्से भय
तुम ही मेरा परिचय