29 Jun 2007
When on knee I saw a scratch
I did lot of significance attach
Scolded her in fit of rage
Scared she was from my image
Went she crying to her mother
I screamed, I don't bother
When I returned in night
Found my baby very quite
She had wept the whole day
'Bad papa', all she would say
Kids bring energy all around
Play, and at times, fall aground
Held her in arms, said 'I am sorry'
Tearful burst and she said 'dont worry'
A lesson learnt, dont shout at kid
Even when hurt, dont throw the lid
Sep 19, 2007
I Write
First few years, it was a flight
With understanding, came fight
Grew ugly, with sleepless night
We didn't know, wrong from right
Both then decided to depart
And as part of moving apart
A blame game was played
In public at college rampart
Today, wise because of age
I can understand what is rage
Love and Relationships are not adage
I now turn a new page....
And
I write...
With understanding, came fight
Grew ugly, with sleepless night
We didn't know, wrong from right
Both then decided to depart
And as part of moving apart
A blame game was played
In public at college rampart
Today, wise because of age
I can understand what is rage
Love and Relationships are not adage
I now turn a new page....
And
I write...
तुम्हारा जादू
तुम्हारा जादू
२०.०६.९२
फंसा हूँ जिसके फेरे में, है क़यामत का जादू
दिखा रहा है अब असर, तुम्हारे हुस्न का जादू
गुज़र रही थी जिन्दगी, अपनी बड़े आराम से
नींदें उड़ा गया मेरी, दिलकश अदाओं का जादू
ज़ख्म-ऐ-दिल धुल गए, तेरा चेहरा खिलने से
दिल गया तो समझा, मुस्कुराने का जादू
मैखाने सब बंद करो, अब इनमे क्या रक्खा है
चढ़ रहा है ख़ूब नशा, चस्म-ऐ-हैरां का जादू
दरिया-ऐ-मोहब्बत में, दे दे डूब का जान "पंकज"
उन्हें भी खींच लाएगा, यह मोहब्बत का जादू
२०.०६.९२
फंसा हूँ जिसके फेरे में, है क़यामत का जादू
दिखा रहा है अब असर, तुम्हारे हुस्न का जादू
गुज़र रही थी जिन्दगी, अपनी बड़े आराम से
नींदें उड़ा गया मेरी, दिलकश अदाओं का जादू
ज़ख्म-ऐ-दिल धुल गए, तेरा चेहरा खिलने से
दिल गया तो समझा, मुस्कुराने का जादू
मैखाने सब बंद करो, अब इनमे क्या रक्खा है
चढ़ रहा है ख़ूब नशा, चस्म-ऐ-हैरां का जादू
दरिया-ऐ-मोहब्बत में, दे दे डूब का जान "पंकज"
उन्हें भी खींच लाएगा, यह मोहब्बत का जादू
तुम्हारा प्यार
तुम्हारा प्यार
२८.१०.१९९२
मैं क़दमों का धूल था, नही शान-ऐ-महफिल
तुम्हारे प्यार ने मुझको बना दिया है काबिल
उजाले थे दुश्मन मेरे, दर्द मेरे साथी
तुम्हारी आए जीवन में, आसान हुई हर मुश्किल
तुम्हारे कमाल को मैं, बयाँ नही कर सकता
तूफ़ान से उबार कर, दिला दिया है साहिल
तुमने जो कर दिया है, बस खुदा ही कर पाता
वर्ना जिंदा लाशों से, क्या हुआ है हासिल
"पंकज" मिजाज़ का अपने, ख़ुद न था भरोसा
तुम्हारे सहारे मिल जायेगी, अब मुझे भी मंज़िल
२८.१०.१९९२
मैं क़दमों का धूल था, नही शान-ऐ-महफिल
तुम्हारे प्यार ने मुझको बना दिया है काबिल
उजाले थे दुश्मन मेरे, दर्द मेरे साथी
तुम्हारी आए जीवन में, आसान हुई हर मुश्किल
तुम्हारे कमाल को मैं, बयाँ नही कर सकता
तूफ़ान से उबार कर, दिला दिया है साहिल
तुमने जो कर दिया है, बस खुदा ही कर पाता
वर्ना जिंदा लाशों से, क्या हुआ है हासिल
"पंकज" मिजाज़ का अपने, ख़ुद न था भरोसा
तुम्हारे सहारे मिल जायेगी, अब मुझे भी मंज़िल
तुम्हारा इंतज़ार
तुम्हारा इंतज़ार
२३.१०.१९९१
तुमसे मिलने की आस लिए नज़रें बिछाए हैं
टूटे हुए खिलोनों से यहाँ हम जीं बहलाये हैं
तेरी ग़ैर-हाजिरी का वोह उठा रहा है फायदा
बादलों से झांक कर, चन्दा मुहँ बनाये है
तडपाया, दिल बुझाया, नींद उडाया, रुलाया
जिन्दगी ने इन दिनों, तमाशे बहुत दिखाए हैं
शेरों में वो बात कहां के दर्द उभर आए
मत पूछो हमसे हमने, कैसे दिन बिताए हैं
गैरों का भी सुना है वो ख्याल रखते हैं
मान भी जाओ "पंकज", हम कहाँ पराये हैं
२३.१०.१९९१
तुमसे मिलने की आस लिए नज़रें बिछाए हैं
टूटे हुए खिलोनों से यहाँ हम जीं बहलाये हैं
तेरी ग़ैर-हाजिरी का वोह उठा रहा है फायदा
बादलों से झांक कर, चन्दा मुहँ बनाये है
तडपाया, दिल बुझाया, नींद उडाया, रुलाया
जिन्दगी ने इन दिनों, तमाशे बहुत दिखाए हैं
शेरों में वो बात कहां के दर्द उभर आए
मत पूछो हमसे हमने, कैसे दिन बिताए हैं
गैरों का भी सुना है वो ख्याल रखते हैं
मान भी जाओ "पंकज", हम कहाँ पराये हैं
अब नही होता इंतज़ार
अब नही होता इंतज़ार
१६.१०.९१
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार
दुनिया मुझे जाने क्या सिखाती है
कभी ये, कभी वो राह दिखाती है
इधर मेरी जान निकली जाती है
कैसे हो मिलन अपना, कैसे करूं प्यार
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार
तुम दरिया हो मैं तुम्हारा किनारा
मैं हूँ नज़र तो तुम मेरा नज़ारा
चुपके से ही सही. कर दो इशारा
हर पल जीवन का, बन जाए त्यौहार
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार
सीने में तेरे मेरा दिल धड़कता है
पलकों से मेरे तुम्हारा आँसू बहता है
ज़माना इस रिश्ते को क्या कुछ कहता है
प्यार पर करो भरोसा, क्या है संसार
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार
यादों में मेरी है तुम्हारी ही तस्वीर
जानता हूँ तुमको भी सताती एही पीर
साथ अपना छोड़ दे चाहे ख़ुद तकदीर
हम मिलेंगे देखना, तोड़कर हेर दीवार
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार
चाँद, सूरज, तारों से भी टकरा जाऊँगा
मैं तेरे लिए नयी दुनिया बसाऊंगा
प्यार का मन्दिर होगा, तुम्हे खुदा बनाऊंगा
और कई ख्वाब मुझको, करने हैं साकार
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार
१६.१०.९१
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार
दुनिया मुझे जाने क्या सिखाती है
कभी ये, कभी वो राह दिखाती है
इधर मेरी जान निकली जाती है
कैसे हो मिलन अपना, कैसे करूं प्यार
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार
तुम दरिया हो मैं तुम्हारा किनारा
मैं हूँ नज़र तो तुम मेरा नज़ारा
चुपके से ही सही. कर दो इशारा
हर पल जीवन का, बन जाए त्यौहार
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार
सीने में तेरे मेरा दिल धड़कता है
पलकों से मेरे तुम्हारा आँसू बहता है
ज़माना इस रिश्ते को क्या कुछ कहता है
प्यार पर करो भरोसा, क्या है संसार
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार
यादों में मेरी है तुम्हारी ही तस्वीर
जानता हूँ तुमको भी सताती एही पीर
साथ अपना छोड़ दे चाहे ख़ुद तकदीर
हम मिलेंगे देखना, तोड़कर हेर दीवार
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार
चाँद, सूरज, तारों से भी टकरा जाऊँगा
मैं तेरे लिए नयी दुनिया बसाऊंगा
प्यार का मन्दिर होगा, तुम्हे खुदा बनाऊंगा
और कई ख्वाब मुझको, करने हैं साकार
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार
Sep 7, 2007
रोते हुए देखा है.
आज मैंने अपना, दीदा-ऐ-तर देखा है
आंखों में अश्कों का, पहला जशन देखा है
आइना था और मैं था, आमने सामने
बिन तेरे ख़ुद अपना, हाल-ऐ-परेशां देखा है
तनहाइयों में भी शोर होता है बहुत
उजालों में फैला हुआ अँधेरा देखा है
दीवानगी और दिल का रिश्ता है पुराना
जो फक्त मोहब्बत हो, वो दीवानापन देखा है
जुदाई दो वक्त की अब सह नही पाते "पंकज"
आज पहली बार तुझे, रोते हुए देखा है.
आंखों में अश्कों का, पहला जशन देखा है
आइना था और मैं था, आमने सामने
बिन तेरे ख़ुद अपना, हाल-ऐ-परेशां देखा है
तनहाइयों में भी शोर होता है बहुत
उजालों में फैला हुआ अँधेरा देखा है
दीवानगी और दिल का रिश्ता है पुराना
जो फक्त मोहब्बत हो, वो दीवानापन देखा है
जुदाई दो वक्त की अब सह नही पाते "पंकज"
आज पहली बार तुझे, रोते हुए देखा है.
दिल्लगी न कीजिये
१६. ४. ९२
दिल्लगी न कीजिये, दिल से दिल मिलाइए
रूठना यह छोड़कर, बाँहों में आ जाइए
तुमको देख जीने की, आदत बुरी लगी मुझे
यूं न मुहँ फेरिये, एक झलक दिखाइए
दिल चुराया, कुछ न बोले, तडपाया पर चुप
मर न हम जाएँ कहीं, अब तो लौट आइये
चश्मे खास के नशे में, डूबने को हैं बेचैन
आ जाए दिल को करार, नज़रें तोह मिलाइए
दो जिस्मो में अलग, कब टॉल्क रह पाएंगे
फर्क हममे न रहे, क़रीब इतना आइये
मोहब्बत तुमसे की "पंकज", यह जहाँ को है पता
हम तुम्हारे हैं सदा, रूठ कर न जाइए
दिल्लगी न कीजिये, दिल से दिल मिलाइए
रूठना यह छोड़कर, बाँहों में आ जाइए
तुमको देख जीने की, आदत बुरी लगी मुझे
यूं न मुहँ फेरिये, एक झलक दिखाइए
दिल चुराया, कुछ न बोले, तडपाया पर चुप
मर न हम जाएँ कहीं, अब तो लौट आइये
चश्मे खास के नशे में, डूबने को हैं बेचैन
आ जाए दिल को करार, नज़रें तोह मिलाइए
दो जिस्मो में अलग, कब टॉल्क रह पाएंगे
फर्क हममे न रहे, क़रीब इतना आइये
मोहब्बत तुमसे की "पंकज", यह जहाँ को है पता
हम तुम्हारे हैं सदा, रूठ कर न जाइए
प्यार इतना कीजिये
१६.४.९२
आप जो चाहें अगर, जान मेरी लीजिये
पहले हुआ न हो कभी, प्यार इतना कीजिये
महफिल-ऐ-दिल में, बस आप ही से रौनक है
दिल यह झूम झूम जाए, बात ऐसी कीजिये
राँझा मेरी मुट्ठी में, मजनू क़दमों में होगा
बस एक प्यार से, नाम मेरा लीजिये
चुराया है इस प्यार के भूखे को पर जानिये
दिल यह टूट जाए कहीँ, गम न ऐसे दीजिये
"पंकज" किरण उम्मीद की, आंधियां बुझा न दे
मेरी चाहतों का कुछ फैसला तो कीजिये
आप जो चाहें अगर, जान मेरी लीजिये
पहले हुआ न हो कभी, प्यार इतना कीजिये
महफिल-ऐ-दिल में, बस आप ही से रौनक है
दिल यह झूम झूम जाए, बात ऐसी कीजिये
राँझा मेरी मुट्ठी में, मजनू क़दमों में होगा
बस एक प्यार से, नाम मेरा लीजिये
चुराया है इस प्यार के भूखे को पर जानिये
दिल यह टूट जाए कहीँ, गम न ऐसे दीजिये
"पंकज" किरण उम्मीद की, आंधियां बुझा न दे
मेरी चाहतों का कुछ फैसला तो कीजिये
Sep 5, 2007
Main Apni Aakhon Main
तुम्हारी धड़कनों को, दिल में बसाना चाहता हूँ
मैं अपनी आंखों में, तुमको बसाना चाहता हूँ
फूल से चहरे की रौनक, हसीं रंगत लायेंगी
सजीले बदन की खुशबू, बहारें संग ले आएँगी
खुशियाँ जीवन में होंगी, उमंगे जवान हो जाएँगी
सदा के लिए उन पलों को, मन में छुपाना चाहता हूँ,
मैं अपनी आंखों में, तुमको बसाना चाहता हूँ
मेंहदी से मोहब्बत की, हाथों पर सजाऊंगा
बिंदिया चाँद की बनाकर, माथे पर सजाउगाँ
गज़ारा हसीं गुलाबों का, जुल्फों में लगाऊँगा
सरगम से तेरी बातों में, डूब जाना चाहता हूँ
मैं अपनी आंखों में, तुमको बसाना चाहता हूँ
तुम्हे बाहों में भरने का, अभी अरमान बाकी है
दिल, नज़र, और ज़ुबा, करनी बात काफी है
अरमान-ओ-दिल दे दिए, जान हमारी बाकी है
मांग में सिन्दूर सजा कर, अपना बनाना चाहता हूँ
मैं अपनी आंखों में, तुमको बसाना चाहता हूँ
मैं अपनी आंखों में, तुमको बसाना चाहता हूँ
फूल से चहरे की रौनक, हसीं रंगत लायेंगी
सजीले बदन की खुशबू, बहारें संग ले आएँगी
खुशियाँ जीवन में होंगी, उमंगे जवान हो जाएँगी
सदा के लिए उन पलों को, मन में छुपाना चाहता हूँ,
मैं अपनी आंखों में, तुमको बसाना चाहता हूँ
मेंहदी से मोहब्बत की, हाथों पर सजाऊंगा
बिंदिया चाँद की बनाकर, माथे पर सजाउगाँ
गज़ारा हसीं गुलाबों का, जुल्फों में लगाऊँगा
सरगम से तेरी बातों में, डूब जाना चाहता हूँ
मैं अपनी आंखों में, तुमको बसाना चाहता हूँ
तुम्हे बाहों में भरने का, अभी अरमान बाकी है
दिल, नज़र, और ज़ुबा, करनी बात काफी है
अरमान-ओ-दिल दे दिए, जान हमारी बाकी है
मांग में सिन्दूर सजा कर, अपना बनाना चाहता हूँ
मैं अपनी आंखों में, तुमको बसाना चाहता हूँ
Sep 3, 2007
Khamoshi
Aaj phir baithe sunsaan lamhon ke sang
Yaad aayi us navjaat shishu ki umang
Kilkari hai, rona hai, thapkiyon mein sona hai
Kahmoshi ke dinon ke kitne haseen rang
Yaad aayi us navjaat shishu ki umang
Kilkari hai, rona hai, thapkiyon mein sona hai
Kahmoshi ke dinon ke kitne haseen rang
Aug 27, 2007
ऐसी दुआ करो
१०.१०.१९९१
9.00 pm
रूठ कर मुझे न सताओ, हंसा करो,
कुछ मैं झुकता हूँ, कुछ तुम झुका करो
मैं उन दिनों को याद कर तड़प रहा हूँ
गुस्सा छोड़, अब तो प्यार से मिला करो
मुस्कुरा कर दिल का चमन महका दो
सुंदर सा खिल कर गुलाब छुआ करो
उदास हो कर क्यों मुझको रुलाते हो
दिल की बात हमसे दिलसे किया करो
यह दर्द ना सह पाऊँगा, मर जाऊंगा
हमे थम लो, कुछ दवा करो
यह बहस ख़त्म करो तुम पंकज और
वोह मान जाए जोई ऐसी दुआ करो
9.00 pm
रूठ कर मुझे न सताओ, हंसा करो,
कुछ मैं झुकता हूँ, कुछ तुम झुका करो
मैं उन दिनों को याद कर तड़प रहा हूँ
गुस्सा छोड़, अब तो प्यार से मिला करो
मुस्कुरा कर दिल का चमन महका दो
सुंदर सा खिल कर गुलाब छुआ करो
उदास हो कर क्यों मुझको रुलाते हो
दिल की बात हमसे दिलसे किया करो
यह दर्द ना सह पाऊँगा, मर जाऊंगा
हमे थम लो, कुछ दवा करो
यह बहस ख़त्म करो तुम पंकज और
वोह मान जाए जोई ऐसी दुआ करो
Aug 26, 2007
तुम मुझको सबसे प्यारी हो
१४.९.१९९१
तुम मुझको सबसे प्यारी हो
क्या रिश्ता मेरा तुम्हारा?
तुम मेरे दिल का सहारा
मैं तो एक अमानुष था
तुमने यह जीवन संवारा
रिश्ता है यह जन्मों का
तभी तुम जान हमारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो
प्यार हमसे तुमको कितना?
नीर सागर में है जितना
हर पल है एहसास तुम्हारा
जीवन तुम्हे समर्पित इतना
साथ कभी ना चोडूंगा मैं
दुश्मन चाहे दुनिया सारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो
साथ दोगे तुम कहाँ तक?
इस ज़मीन से आस्मान तक
फिर भी चैन नही पाया तो
अओंगा मैं उस जहाँ तक
अब शिक़ायत क्या हमको जब
प्यार की बाजी मारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो
तुम कहती हो पछ्ताऊँगा
फिर भी बाज़ नही आऊंगा
तेरा साथ अगर छोड़ा तो
फिर कहाँ पर मैं जाऊंगा
जीवन तुम हो मृत्यु तुम
तुम सब खुशियों पर भारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो.
तुम मुझको सबसे प्यारी हो
क्या रिश्ता मेरा तुम्हारा?
तुम मेरे दिल का सहारा
मैं तो एक अमानुष था
तुमने यह जीवन संवारा
रिश्ता है यह जन्मों का
तभी तुम जान हमारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो
प्यार हमसे तुमको कितना?
नीर सागर में है जितना
हर पल है एहसास तुम्हारा
जीवन तुम्हे समर्पित इतना
साथ कभी ना चोडूंगा मैं
दुश्मन चाहे दुनिया सारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो
साथ दोगे तुम कहाँ तक?
इस ज़मीन से आस्मान तक
फिर भी चैन नही पाया तो
अओंगा मैं उस जहाँ तक
अब शिक़ायत क्या हमको जब
प्यार की बाजी मारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो
तुम कहती हो पछ्ताऊँगा
फिर भी बाज़ नही आऊंगा
तेरा साथ अगर छोड़ा तो
फिर कहाँ पर मैं जाऊंगा
जीवन तुम हो मृत्यु तुम
तुम सब खुशियों पर भारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो.
तुम ही मेरा परिचय
कौन हो तुम?... नही संशय
तुम ही मेरा परिचय
तुम मंज़िल हो मेरे मन चंचल की
भूत, भविष्य और आज
तुम ही दिल की आवाज़
जीवन मुल्य जो न क्रय
तुम ही मेरा परिचय
सूखे वयक्तित्वा पर जो बरसी बादल सी
तुम ही मेरा आचरण
तुम हे मेरा अलंकरण
तुम जय, तुम ही पराजय
तुम ही मेरा परिचय
तुम आकाश और मेरा धरातल भी
तुम अंदाज़ जीवन का
तुम तुलसी आँगन का
तुम मेरा भाग्योदय
तुम ही मेरा परिचय
मुझ मुसाफिर को तलाश तेरी आँचल थी
तुम वीराना, तुम ही घर
तुम नज़ारा, तुम नज़र
सैशव, युवा या फिर वय
तुम ही मेरा परिचय
मेरा इमान और आंखों का जल भी
तुम बुद्धि, तुम ही शक्ति
मेरी सर्वश्रेष्ट संपत्ति
जीवन भर का संचय
तुम ही मेरा परिचय
तुम बिन जीवन नैया थी पागल सी
तुम हो सपन सलोना
तुम हँसी, तुन्हीं रोना
सिवा तुम्हारे, किस्से भय
तुम ही मेरा परिचय
तुम ही मेरा परिचय
तुम मंज़िल हो मेरे मन चंचल की
भूत, भविष्य और आज
तुम ही दिल की आवाज़
जीवन मुल्य जो न क्रय
तुम ही मेरा परिचय
सूखे वयक्तित्वा पर जो बरसी बादल सी
तुम ही मेरा आचरण
तुम हे मेरा अलंकरण
तुम जय, तुम ही पराजय
तुम ही मेरा परिचय
तुम आकाश और मेरा धरातल भी
तुम अंदाज़ जीवन का
तुम तुलसी आँगन का
तुम मेरा भाग्योदय
तुम ही मेरा परिचय
मुझ मुसाफिर को तलाश तेरी आँचल थी
तुम वीराना, तुम ही घर
तुम नज़ारा, तुम नज़र
सैशव, युवा या फिर वय
तुम ही मेरा परिचय
मेरा इमान और आंखों का जल भी
तुम बुद्धि, तुम ही शक्ति
मेरी सर्वश्रेष्ट संपत्ति
जीवन भर का संचय
तुम ही मेरा परिचय
तुम बिन जीवन नैया थी पागल सी
तुम हो सपन सलोना
तुम हँसी, तुन्हीं रोना
सिवा तुम्हारे, किस्से भय
तुम ही मेरा परिचय
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