१४.९.१९९१
तुम मुझको सबसे प्यारी हो
क्या रिश्ता मेरा तुम्हारा?
तुम मेरे दिल का सहारा
मैं तो एक अमानुष था
तुमने यह जीवन संवारा
रिश्ता है यह जन्मों का
तभी तुम जान हमारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो
प्यार हमसे तुमको कितना?
नीर सागर में है जितना
हर पल है एहसास तुम्हारा
जीवन तुम्हे समर्पित इतना
साथ कभी ना चोडूंगा मैं
दुश्मन चाहे दुनिया सारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो
साथ दोगे तुम कहाँ तक?
इस ज़मीन से आस्मान तक
फिर भी चैन नही पाया तो
अओंगा मैं उस जहाँ तक
अब शिक़ायत क्या हमको जब
प्यार की बाजी मारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो
तुम कहती हो पछ्ताऊँगा
फिर भी बाज़ नही आऊंगा
तेरा साथ अगर छोड़ा तो
फिर कहाँ पर मैं जाऊंगा
जीवन तुम हो मृत्यु तुम
तुम सब खुशियों पर भारी हो
तुम मुझको सबसे प्यारी हो.
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2 comments:
this one is super too.
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