१६.४.९२
आप जो चाहें अगर, जान मेरी लीजिये
पहले हुआ न हो कभी, प्यार इतना कीजिये
महफिल-ऐ-दिल में, बस आप ही से रौनक है
दिल यह झूम झूम जाए, बात ऐसी कीजिये
राँझा मेरी मुट्ठी में, मजनू क़दमों में होगा
बस एक प्यार से, नाम मेरा लीजिये
चुराया है इस प्यार के भूखे को पर जानिये
दिल यह टूट जाए कहीँ, गम न ऐसे दीजिये
"पंकज" किरण उम्मीद की, आंधियां बुझा न दे
मेरी चाहतों का कुछ फैसला तो कीजिये
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment