Sep 19, 2007

अब नही होता इंतज़ार

अब नही होता इंतज़ार
१६.१०.९१

चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार

दुनिया मुझे जाने क्या सिखाती है
कभी ये, कभी वो राह दिखाती है
इधर मेरी जान निकली जाती है
कैसे हो मिलन अपना, कैसे करूं प्यार
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार

तुम दरिया हो मैं तुम्हारा किनारा
मैं हूँ नज़र तो तुम मेरा नज़ारा
चुपके से ही सही. कर दो इशारा
हर पल जीवन का, बन जाए त्यौहार
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार

सीने में तेरे मेरा दिल धड़कता है
पलकों से मेरे तुम्हारा आँसू बहता है
ज़माना इस रिश्ते को क्या कुछ कहता है
प्यार पर करो भरोसा, क्या है संसार
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार

यादों में मेरी है तुम्हारी ही तस्वीर
जानता हूँ तुमको भी सताती एही पीर
साथ अपना छोड़ दे चाहे ख़ुद तकदीर
हम मिलेंगे देखना, तोड़कर हेर दीवार
चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार

चाँद, सूरज, तारों से भी टकरा जाऊँगा
मैं तेरे लिए नयी दुनिया बसाऊंगा
प्यार का मन्दिर होगा, तुम्हे खुदा बनाऊंगा
और कई ख्वाब मुझको, करने हैं साकार

चले आओ प्रिय, अब नही होता इंतज़ार

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