तुम्हारा जादू
२०.०६.९२
फंसा हूँ जिसके फेरे में, है क़यामत का जादू
दिखा रहा है अब असर, तुम्हारे हुस्न का जादू
गुज़र रही थी जिन्दगी, अपनी बड़े आराम से
नींदें उड़ा गया मेरी, दिलकश अदाओं का जादू
ज़ख्म-ऐ-दिल धुल गए, तेरा चेहरा खिलने से
दिल गया तो समझा, मुस्कुराने का जादू
मैखाने सब बंद करो, अब इनमे क्या रक्खा है
चढ़ रहा है ख़ूब नशा, चस्म-ऐ-हैरां का जादू
दरिया-ऐ-मोहब्बत में, दे दे डूब का जान "पंकज"
उन्हें भी खींच लाएगा, यह मोहब्बत का जादू
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