तुम्हारी धड़कनों को, दिल में बसाना चाहता हूँ
मैं अपनी आंखों में, तुमको बसाना चाहता हूँ
फूल से चहरे की रौनक, हसीं रंगत लायेंगी
सजीले बदन की खुशबू, बहारें संग ले आएँगी
खुशियाँ जीवन में होंगी, उमंगे जवान हो जाएँगी
सदा के लिए उन पलों को, मन में छुपाना चाहता हूँ,
मैं अपनी आंखों में, तुमको बसाना चाहता हूँ
मेंहदी से मोहब्बत की, हाथों पर सजाऊंगा
बिंदिया चाँद की बनाकर, माथे पर सजाउगाँ
गज़ारा हसीं गुलाबों का, जुल्फों में लगाऊँगा
सरगम से तेरी बातों में, डूब जाना चाहता हूँ
मैं अपनी आंखों में, तुमको बसाना चाहता हूँ
तुम्हे बाहों में भरने का, अभी अरमान बाकी है
दिल, नज़र, और ज़ुबा, करनी बात काफी है
अरमान-ओ-दिल दे दिए, जान हमारी बाकी है
मांग में सिन्दूर सजा कर, अपना बनाना चाहता हूँ
मैं अपनी आंखों में, तुमको बसाना चाहता हूँ
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